TOP GUIDELINES OF BEST HINDI STORY

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उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।

एक लाठी निकाली और कालिया की मरम्मत कर दी।

एक समय की बात है। एक अमीर जमींदार रहता था, उसके पास कई जमीनें थीं लेकिन वह कंजूस था। पैसे उधार देते समय वह बहुत सतर्क रहता था। इसलिए, गांव के किसान कभी भी उसकी जमीन पर खेती करने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रत्येक बीतते दिन के साथ, ज़मींदार की ज़मीन अपनी जल धारण शक्ति खोने लगी और बंजर बन गई।

आम के पेड़ पर एक सुरीली नाम की चिड़िया रहती थी। उसने खूब सुंदर घोंसला बनाया हुआ था। जिसमें उसके छोटे-छोटे बच्चे साथ में रहते थे। वह बच्चे अभी उड़ना नहीं जानते थे, इसीलिए सुरीली उन सभी को खाना ला कर खिलाती थी।

संत ने बिच्छू को फिर अपने हाथ से निकाला। बिच्छू ने संत को फिर डंक मारा।

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Graphic: Courtesy Amazon This can be a imagined-provoking novel composed by Kamleshwar, a renowned Indian author. Initially revealed in Hindi, the novel delves into your sophisticated fabric of India’s social and political landscape during the tumultuous period of partition in 1947. Kamleshwar weaves a narrative that explores the effect of partition on the lives of standard individuals along with the deep-rooted scars it still left within the nation’s collective psyche.



Culture From ‘future faking’ to ‘adore more info bombing’: How you can recognise red flags in relationships

उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त

माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे सुदर्शन

लेकिन तब ठीक यही तर्क अपने अंतिम समय तक उसी लिपि में लिखनेवाले मुंशी प्रेमचंद पर भी लागू होता है. प्रेमचंद और मंटो दोनों हिंदी-उर्दू कथा साहित्य के अनमोल धरोहर हैं.)

ज्ञानरंजन ने अपनी 'घंटा' और 'बहिर्गमन' जैसी कहानियों के माध्यम से हिंदी कहानी लेखन को एक ऐसा नया गद्य दिया जिसकी मार और व्यंजना मध्यवर्गीय पात्रों के जीवन के तमाम विरोधाभासों को अभिव्यक्त करने का भाषिक हुनर कथाकारों को दिया.

अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा

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